बादल यानी मै डॉ.घनश्याम व्यास, साहित्य का पाठक और चिन्तक हूँ । मेरी दृष्टि शब्द और अर्थ की यात्रा के साथ मानव के अंतर्मन को टटोलने की रही है। जीवन ने जो दिखाया है उसी का आत्मविस्तार मेरी साहित्य यात्रा है । "बादल" में समायी जीवन की बूंदे नवजीवन को सृजन करने की कोशिश मेरी चेतना में समायी है ।
बिंदु से सिन्धु तक की मेरी यात्रा "बादल" की यात्रा है ।
बिंदु से सिन्धु तक की मेरी यात्रा "बादल" की यात्रा है ।